आज 9 पॉजिटिव मिले, फिर भी सख्ती उतनी नहीं, भीलवाड़ा जैसी सख्ती से ही टूटेगी संक्रमण की चेन

 कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने में अब तक सफल रहे भीलवाड़ा जिले का मॉडल पूरे देश में चर्चा में हैं। इसी बीच, जोधपुर में मंगलवार को नौ और पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट ने पूरे शहर को चिंता में डाल दिया। इसके साथ घर-घर यह चर्चा भी शुरू हाे गई। शहर में भीलवाड़ा अाैर जयपुर की तर्ज पर सख्ती की जरूरत बताई जाने लगी। शहर में पिछले कुछ दिनों से करीब हर इलाके में कुछ लोग घर से बाहर दिखाई दे रहे हैं। एेसे में यही एकमात्र कदम है, जिससे कोरोना संक्रमण की कड़ी टूट सकती है।



शहर की भौगोलिक स्थिति ऐसी की पुलिस-आरएसी के साथ सेना फील्ड में उतरे, तो ही आवारा लोगों पर अंकुश संभव
कमिश्नरेट के सात थाना इलाकों में कर्फ्यू भले ही लगा है, लेकिन शहर के करीब हर इलाके में अकारण घूमने वालों पर पूरी तरह अंकुश नहीं लग पा रहा है। इसका एक प्रमुख कारण ये भी है कि पुलिस और आरएसी का जितना जाब्ता उपलब्ध है, उससे शहर के कुछ इलाके ही पूरी तरह सील हो सकते हैं, क्योंकि शहर की गलियां ही इतनी हैं, कि हर स्थान पर पुलिस की निगरानी आसान नहीं है। ऐसी भौगोलिक स्थिति में पूरी तरह अंकुश तभी लग सकता है, जब पुलिस-आरएसी के साथ सेना या अतिरिक्त जाब्ता भी उपलब्ध हो। इसके लिए जोधपुर में मौजूद विभिन्न ट्रेनिंग सेंटर्स, जीआरपी व ग्रामीण पुलिस लाइन, अन्य सुरक्षा एजेंसियों के ट्रेनिंग सेंटरों से भी मैन पॉवर का उपयोग जोधपुर में जरूरत के मुताबिक किया जा सके।


भीलवाड़ा मॉडल : एक दिन में 6 केस आते ही कर्फ्यू 
प्रदेश के भीलवाड़ा जिले में संदिग्धों की जांच होने लगी थी और 20 मार्च को आई रिपोर्ट में निजी हॉस्पिटल के तीन डॉक्टर और तीन नर्सिंगकर्मी पॉजिटिव मिले। उसी दिन दोपहर से कर्फ्यू लागू कर दिया गया।


निजी हॉस्पिटल सील, 613 भर्ती व 5580 ओपीडी पेशेंट्स की जांच
बांगड़ हॉस्पिटल के 3-3 डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ संक्रमित मिले। हॉस्पिटल सील हुआ। डाटा जुटाए तो सामने आया कि 22 फरवरी से 19 मार्च के बीच यहां 613 मरीज भर्ती थे, जबकि ओपीडी में 5580 लोग आए थे। सभी की स्क्रीनिंग कर संदिग्धों को चिह्नित कर आइसोलेट किया।


जोधपुर मॉडल : एक साथ 9 मरीज, लेकिन इंतजाम पुराने 
21 मार्च को पहला केस आया। 2 अप्रैल तक 10 हुए। तब 4 थानों में कर्फ्यू। 6 अप्रैल काे पॉजिटिव केस 21 होने पर सदर कोतवाली, सदर बाजार अाैर उदय मंदिर थाना इलाकों में भी कर्फ्यू लगाया। मंगलवार को 9 और मरीज, लेकिन प्रशासन व पुलिस के इंतजाम यथावत।


शहर निजी हॉस्पिटल से दो नर्सिंग स्टाफ पॉजिटिव, फिर भी सील नहीं किया गया
शहर के गोयल हॉस्पिटल से दो नर्सिंग स्टाफ पॉजिटिव हैं। इसी तरह, एक पॉजिटिव मरीज के सत्यम हॉस्पिटल जाने की सूचना सामने आई। इसके बावजूद प्रशासन ने इन दोनों हॉस्पिटल से संक्रमण की कड़ियों को खंगालने के पुख्ता प्रयास नहीं किए।


भीलवाड़ा ने बरती सख्ती, जोधपुर की गलियों में घूमते युवकों पर अंकुश कब?



  • कर्फ्यू लागू होने के साथ ही पुलिस भी सख्त नजर आई। वहां डंडे फटकारने के कई वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुए, लेकिन पुलिस किसी दबाव में नहीं आई। परिणाम स्वरूप वहां की हर गली-सड़क सूनी नजर आने लगी। संक्रमण की कड़ी लगभग पूरी तरह से टूटी नजर आई। 

  • 21 मार्च से लेकर मंगलवार रात तक सात थाना इलाकों में कर्फ्यू भले ही लागू हो चुका है, लेकिन इन थाना क्षेत्रों की अधिकांश बस्तियां और गलियों में आवारा घूमने वाले युवकों की भरमार है। जहां कर्फ्यू नहीं है, वहां के हालात भी चिंता में डालने वाले हैं। ऐसे चुनिंदा युवकों की वजह से ही पूरे शहर में सख्ती की जरूरत महसूस की जा रही है।    


भीलवाड़ा में जयपुर-उदयपुर से पहुंची मेडिकल टीम, 410 टीमों ने किया सर्वे


भीलवाड़ा में 20 मार्च की रात तक 22137 मकानों का सर्वे कर 109277 लोगों की जांच की। इनमें 1099 सर्दी-जुकाम-खांसी से पीड़ित मिले। 28 लोग ऐसे भी थे, जो विदेश यात्रा कर लौटे थे। इसी तरह जिले में 28567 घरों का सर्वें करते हुए टीमों ने 114214 लोगों की जांच की। इनमें 2965 लोग खांसी, जुकाम पीड़ित मिले।


सीएमएचओ को सर्वे की जानकारी ही नहीं!
जोधपुर में सर्वे स्क्रीनिंग का काम किया जरूर जा रहा है, लेकिन इस संबंध में जिम्मेदार सीएमएचओ डॉ. बलवंत मंडा इस संबंध में कोई सूचना तक नहीं दे पाएं ।


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